बुधवार, 31 अक्टूबर 2012

भारत (INDIA)

भारत विश्‍व की सबसे पुरानी सम्‍यताओं में से एक है जिसमें निहित बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत है। आज़ादी पाने के बाद पिछले 59 वर्षों में भारत ने बहु-आयामी सामाजिक आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि–उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भर बन चुका है और अब विश्‍व के औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में इसका स्‍थान दसवां है तथा लोगों के लाभ के लिए प्रकृति पर विजय पाने के लिए अंतरिक्ष में जाने वाला छठा राष्‍ट्र है। भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है जो हिम-आच्‍छादित हिमालय की ऊंचाइयों से शुरू होकर दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक फैला हुआ है। विश्‍व में सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसका विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्‍ट भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्‍तर में बृहत पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा हुआ, यह दक्षिण तक फैला है और कर्क रेखा से आगे संकरा होता हुआ पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर के बीच हिन्‍द महासागर से जुड़ जाता है।
पूरी तरह उत्‍तरी गोलार्ध में स्थित, भारत की मुख्‍यभूमि 804 और 3706 उत्‍तरी अक्षांश, 6807 और 97025 पूर्वी देशान्‍तर रेखाओं के बीच स्थित है तथा अंतिम अक्षांश रेखाओं के बीच उत्‍तर से दक्षिण तक लगभग 3214 कि.मी. और अंतिम देशांतर रेखाओं के बीच पूर्व से पश्चिम तग लगभग 2933 कि.मी. फैला हुआ है। इस ज़मीनी सीमान्‍त लगभग 15,200 कि.मी. है। मुख्‍यभूमि, लक्षद्वीप और अण्‍डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह की तटरेखा की कुल लम्‍बाई 7,516.6 कि.मी है।
भारत की प्राचीन भूमि भव्‍य सांस्‍कृतिक विरासत और आध्‍यात्मिक का परिदृश्‍य प्रस्‍तुत करती है। हम आपको आमंत्रण देते हैं कि आयें और इस देश के मनमोहक दृश्‍यों में डूबकर स्‍वयं को भूल जाएं,जिसमें अनेक राष्‍ट्रीय विशेषताएं प्रदर्शित की गई हैं,जैसे कि यहां की कला,राष्‍ट्रीय पहचान के तत्‍व,सांस्‍कृतिक भण्‍डार और अनेक बातें। उन सभी के लिए यह एक मनोरंजन पल होता है जो इस आध्‍यात्मिक देश के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं।
भारत असंख्‍य अनुभवों और मोहक स्‍थलों का देश है। चाहे भव्‍य स्‍मारक हों,प्राचीन मंदिर या मकबरे हों। अनेक धर्मों तथा संस्‍कृतियों के सह-अस्तित्‍व के साथ-साथ अचंभित कर देने वाले स्‍थलों के चलते यह देश आपके अवकाश के अनुभव के लिहाज से आदर्श गन्‍तव्‍य है। भारत में पर्यटन की उपयुक्‍त क्षमता है और सभी प्रकार के पर्यटकों के लिए यह देश उपयुक्त है चाहे वे साहसिंक यात्रा पर हों या फिर सांस्‍कृतिक अन्‍वेषण,तीर्थयात्रा,खूबसूरत समुद्री-तटों तथा मनमोहक पर्वतीय स्‍थलों की यात्रा पर निकले हों,आकृष्‍ट करने के लिए सही आकर्षण हैं। भारत पर्यटन के क्षेत्र में भले ही पिछे हों पर यहां के मनमोहक नजारे आज भी पर्यटको को अपनी ओर खींचते हैं। कश्मीर की हसीन वादियां आज भी लोगो के मन में अपनी छवि छोड़ देती हैं। भारत में पर्यटन के लिए और भी बहुत से मोहक स्‍थल हैं जो इसकी खुबसूरती में चार चांद लगाते हैं। भारत अपने पर्यटन स्थलो के कारण ही भारत भ्रमण पर आने वाले विदेशी पर्यटको के बीच लोकप्रिय है। हमारा आप से भी अनुरोध है कि जब भारत आएं तो भारत की बर्फली जगहों का आनंद जजरुर लें।

जीवन शैली, मूल्‍य और मान्‍यताएं

भारत एक विविध संस्‍कृति वाला देश है, एक तथ्‍य कि यहां यह बात इसके लोगों, संस्‍कृति और मौसम में भी प्रमुखता से दिखाई देती है। हिमालय की अनश्‍वर बर्फ से लेकर दक्षिण के दूर दराज में खेतों तक, पश्चिम के रेगिस्‍तान से पूर्व के नम डेल्‍टा तक, सूखी गर्मी से लेकर पहाडियों की तराई के मध्‍य पठार की ठण्‍डक तक, भारतीय जीवनशैलियां इसके भूगोल की भव्‍यता स्‍पष्‍ट रूप से दर्शाती हैं।
एक भारतीय के परिधान, भोजन और आदतें उसके उद्भव के स्‍थान के अनुसार अलग अलग होते हैं।

संस्‍कृति

भारतीय संस्‍कृति अपनी विशाल भौगोलिक स्थिति के समान अलग अलग है। यहां के लोग अलग अलग भाषाएं बोलते हैं, अलग अलग तरह के कपड़े पहनते हैं, भिन्‍न भिन्‍न धर्मों का पालन करते हैं, अलग अलग भोजन करते हैं किन्‍तु उनका स्‍वभाव एक जैसा होता है। तो चाहे यह कोई खुशी का अवसर हो या कोई दुख का क्षण, लोग पूरे दिल से इसमें भाग लेते हैं, एक साथ खुशी या दर्द का अनुभव करते हैं। एक त्‍यौहार या एक आयोजन किसी घर या परिवार के लिए सीमित नहीं है। पूरा समुदाय या आस पड़ासे एक अवसर पर खुशियां मनाने में शामिल होता है, इसी प्रकार एक भारतीय विवाह मेल जोल का आयोजन है, जिसमें न केवल वर और वधु बल्कि दो परिवारों का भी संगम होता है। चाहे उनकी संस्‍कृति या धर्म का मामला हो। इसी प्रकार दुख में भी पड़ोसी और मित्र उस दर्द को कम करने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

विज्ञान

भारत की वैश्विक छवि एक उभरते हुए और प्रगतिशील राष्‍ट्र की है। सच ही है, भारत में सभी क्षेत्रों में कई सीमाओं को हाल के वर्षों में पार किया है, जैसे कि वाणिज्‍य, प्रौद्योगिकी और विकास आदि, और इसके साथ ही उसने अपनी अन्‍य रचनात्‍मक बौद्धिकता को उपेक्षित भी नहीं किया है। आपको आश्‍चर्य है कि यह क्‍या है तो यह वैकल्पिक विज्ञान है, जिसका निरंतर अभ्‍यास भारत में अनंतकाल से किया जाता है। आयुर्वेद पूरी तरह से जड़ी बूटियों और प्राकृतिक खरपतवार से बनी दवाओं का एक विशिष्‍ट रूप है जो दुनिया की किसी भी बीमारी का इलाज कर सकती हैं। आयुर्वेद का उल्‍लेख प्राचीन भारत के एक ग्रंथ रामायण में भी किया गया है। और आज भी दवाओं की पश्चिमी संकल्‍पना जब अपने चरम पर पहुंच गई है, ऐसे लोग हैं जो बहु प्रकार की विशेषताओं के लिए इलाज की वैकल्पिक विधियों की तलाश में हैं।
आज के समय में व्‍यक्ति के जीवन की बढ़ती जटिलताओं के साथ लोग निरंतर ऐसे माध्‍यम की खोज कर रहे हैं, जिसके जरिए वे मन की कुछ शांति पा सकें। यहां एक और विज्ञान है, जिसे हम ध्‍यान के नाम से जानते हैं तथा इसके साथ जुड़ी है आध्‍यात्मिकता। ध्‍यान और योग भारत तथा भारतीय आध्‍यात्मिकता के समानार्थी हैं। ध्‍यान लगाना योग का सबसे महत्‍वपूर्ण घटक है, जो व्‍यायामों की एक श्रृंखला सहित मन और शरीर का उपचार है। ध्‍यान शब्‍द में अनेक अभ्यास शामिल हैं जो परिस्थितियों को साकार रूप में देखने, एक वस्‍तु या छवियों पर ध्‍यान केन्द्रित करने, एक जटिल विचार के माध्‍यम से सोचने अथवा एक उत्तेजक पुस्‍तक में हो जाने को भी शामिल करती हैं, ये सभी मोटे तौर पर ध्‍यान के प्रकार हैं। जबकि योग में ध्‍यान का अर्थ सामान्‍य रूप से मन को अधिक औपचारिक रूप से केन्द्रित करने और स्‍वयं को एक क्षण में देखने से संदर्भित किया जाता है। भारत और विदेश के कई लोग तनाव से छुटकारा पाने और मन को ताजा बनाने के लिए योग तथा ध्‍यान का आश्रय लेते हैं।
भारत में एक अन्‍य व्‍यापक रूप से प्रचलित विचाराधारा है कर्म की विचाराधारा, जिसके अनुसार प्रत्‍येक व्‍यक्ति को केवल सही कार्य करना चाहिए या एक व्‍यक्ति के रूप में इसके जीवन के पूर्ण वृत्त में वे ही तथ्‍य उसके सामने आते हैं।
पिछले दिनों भारत का एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण पक्ष नए युग की महिला का प्रादुर्भाव है। भारत में महिलाएं मुख्‍य रूप से गृहिणियां हैं, जबकि अब यह परिदृश्‍य बदल रहा है। अनेक स्‍थानों पर, विशेष रूप से महानगरों और अन्‍य शहरों में महिलाएं घर के लिए रोजीरोटी कमाते हैं और वे अपने पुरुष साथियों के बराबर कार्य करती हैं। जीवन की लागत / अर्थव्‍यवस्‍थ में हुई वृद्धि से इस पक्ष के उठने में योगदान मिला है।
भारतीय नागरिकों की सुंदरता उनकी सहनशीलता, लेने और देने की भावना तथा उन संस्‍कृतियों के मिश्रण में निहित है जिसकी तुलना एक ऐसे उद्यान से की जा सकती है जहां कई रंगों और वर्णों के फूल है, जबकि उनका अपना अस्तित्‍व बना हुआ है और वे भारत रूपी उद्यान में भाईचारा और सुंदरता बिखेरते हैं।



भारत के बारे में भौगोलिक जानकारी
ब्यौरे विवरण
स्‍थान हिमालय द्वारा भारतीय पेनिसुला का मुख्‍य भूमि एशिया से अलग किया गया है। देश पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिन्‍द महासागर से घिरा हुआ है।
भौगोलिक समन्‍वय यह पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध मे स्थित है, देश का विस्‍तार 8° 4' और 37° 6' l अक्षांश पर इक्‍वेटर के उत्तर में, और 68°7' और 97°25' देशान्‍तर पर है।
स्‍थायी मान समय जी एम टी + 05:30
क्षेत्र 3.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर
देश का टेलीफोन कोड +91
सीमाओं में स्थित देश उत्तर पश्चिम में अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान, भूटान और नेपाल उत्तर में; म्‍यांमार पूरब में, और पश्चिम बंगाल के पूरब में बंगलादेश। श्रीलंका भारत से समुद्र के संकीर्ण नहर द्वारा अलग किया जाता है जो पाल्‍क स्‍ट्रेट और मनार की खाड़ी द्वारा निर्मित है।
समुद्रतट 7,516.6 किलोमीटर जिसमें मुख्‍य भूमि, लक्षद्वीप, और अण्‍डमान और निकोबार द्वीपसमूह शामिल हैं।
जलवायु भारत की जलवायु को मोटे तौर पर उष्‍णकटिबंधीय मानसून के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। परन्‍तु भारत का अधिकांश उत्तरी भाग उष्‍णकटिबंधीय क्षेत्र के बाहर होने के बावजूद समग्र देश में उष्‍णकटिबंधीय जलवायु है जिसमें अपेक्षाकृत उच्‍च तापमान और सूखी सर्दी पड़ती है। चार मौसम है:
  1. सर्दी (दिसम्‍बर-फरवरी)
  2. गर्मी (मार्च-जून)
  3. दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम (जून-सितम्‍बर)
  4. मानसून पश्‍च मौसम (अक्‍तूबर-नवम्‍बर)
भूभाग मुख्‍य भूमि में चार क्षेत्र हैं नामत: ग्रेट माउन्‍टेन जोन, गंगा और सिंधु का मैदान, रेगिस्‍तान क्षेत्र और दक्षिणी पेनिंसुला।
प्राकृतिक संसाधन कोयला, लौह अयस्‍क, मैगनीज अयस्‍क, माइका, बॉक्‍साइट, पेट्रोलियम, टाइटानियम अयस्‍क, क्रोमाइट, प्राकृतिक गैस, मैगनेसाइट, चूना पत्‍थर, अराबल लेण्‍ड, डोलोमाइट, माऊलिन, जिप्‍सम, अपादाइट, फोसफोराइट, स्‍टीटाइल, फ्लोराइट आदि।
प्राकृतिक आपदा मानसूनी बाढ़, फ्लेश बाढ़, भूकम्‍प, सूखा, जमीन खिसकना।
पर्यावरण - वर्तमान मुद्दे वायु प्रदूषण नियंत्रण, ऊर्जा संरक्षण, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन, तेल और गैस संरक्षण, वन संरक्षण, आदि।
पर्यावरण-अंतर्राष्‍ट्रीय करार पर्यावरण और विकास पर रीयो की घोषणा, जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्‍त राज्‍य ढांचागत कार्य सम्‍मेलन के लिए क्‍योटो प्रोटोकॉल, विश्‍व व्‍यापार करार, नाइट्रोजन ऑक्‍साइड के सल्‍फर उत्‍पसर्जन को कम करने सर उनके ट्रांस बाउन्‍ड्री फ्लेक्‍सेस (नोन प्रोटोकॉल) पर एल आर टी ए पी हेन्सिंकी प्रोटोकॉल, वोलाटाइल ऑरगनिक समिश्रण या उनके ट्रांस बाऊन्‍ड्री फलाक्‍सेस (वी वो सी प्रोटोकॉल) के उत्‍सर्जन से संबंधित एल आर टी ए पी के लिए जेनेवा प्रोटोकॉल।
भूगोल-टिप्‍पणी भारत दक्षिण एशिया उप महाद्वीप के बड़े भूभाग पर फैला हुआ है।

व्‍यक्ति

भारतीय नागरिकों के बारे में सूचना
ब्यौरे विवरण
(आबादी) जनसंख्‍या 1 मार्च, 2001 की स्थिति के अनुसार भारत की जनसंख्‍या 1,028 मिलियन (531.1 मि लियन पुरुष और 496.4 मिलियन महिला) की।
जनसंख्‍या वृद्धि दर औसत वार्षिक घातांकी वृद्धि दर वर्ष 1991-2001 के दौरान 1.93 प्रतिशत है।
जन्‍म दर वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार अनुमानित मृत्‍यु दर 24.8 है।
मृत्‍यु दर वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार अनुमानित जन्‍म दर 8.9 है।
संम्‍भावित जीवन दर 63.9 वर्ष (पुरुष) 66.9 वर्ष (महिला) (सितम्‍बर 2005 की स्थिति के अनुसार)
लिंग अनुपात 2001 की जनगणना के अनुसार 933
राष्‍ट्रीयता भारतीय
जातीय अनुपात सभी पांच मुख्‍य प्रकार की जातियां, ऑस्‍ट्रेलियाड, मोंगोलॉयड, यूरोपॉयड, कोकोसिन और नीग्रोइड को भारत की जनता के बीच प्रतिनिधित्‍व मिलती है।
धर्म वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 1.028 मिलियन देश की कुल जनसंख्‍या में से 80.5 प्रतिशत के साथ हिन्‍दुओं की अधिकांशता है दूसरे स्‍थान पर 13.4 प्रतिशत की जनसंख्‍या वाले मुस्लिम इसके बाद ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और अन्‍य आते हैं।
भाषाएं भारत के संविधान द्वारा 22 राष्‍ट्रीय भाषाओं को मान्‍यता दी गई है, जिनमें हिन्‍दी संघ की राजभाषा है। इनके अतिरिक्‍त 844 अलग अलग बोलियां है जो देश के विभिन्‍न भागों में प्रचलित हैं।
साक्षरता 2001 की जनसंख्‍या के अनंतिम परिणाम के अनुसार देश मे साक्षरता दर 64.84 प्रतिशत है। 75.26 प्रतिशत पुरुषों के लिए और महिलाओं के लिए 53.67 है।

सरकार

भारत सरकार के बारे में सूचना
ब्यौरे विवरण
देश का नाम रिपब्लिक ऑफ इंडिया; भारत गणराज्‍य
सरकार का प्रकार संसदीय सरकार पद्धति के साथ सामाजिक प्रजातांत्रिक गणराज्‍य।
राजधानी नई दिल्‍ली
प्रशासनिक प्रभाग 28 राज्‍य और 7 संघ राज्‍य क्षेत्र
आजादी 15 अगस्‍त 1947 (ब्रिटिश उपनिवेशीय शासन से)
संविधान भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।
कानून प्रणाली भारत का संविधान देश की न्‍याय प्रणाली का स्रोत है।
कार्यपालिका शाखा भारत का राष्‍ट्रपति देश का प्रधान होता है, जबकि प्रधानंत्री सरकार प्रमुख होता है और मंत्रिपरिषद् की सहायता से शासन चलाता है जो मंत्रिमंडल मंत्रालय का गठन करते हैं।
विद्यायिका शाखा भारतीय वि‍द्यायिका में लोक सभा (हाउस ऑफ दि पीपल) और राज्‍य सभी (राज्‍य परिषद्) संसद के दोनों सदनों का गठन करते हैं।
न्‍यायपालिका शाखा भारत का सर्वोच्‍च न्‍यायालय भारतीय कानून व्‍यवस्‍था का शीर्ष निकाय है इसके बाद अन्‍य उच्‍च न्‍यायालय और अधीनस्थ न्‍यायालय आते हैं।
झण्‍डे का वर्णन राष्‍ट्रीय झण्‍डा आयताकार तिरंगा है जिसमें केसरिया ऊपर है, बीच में सफेद, और बराबर भाग में नीचे गहरा हरा है। सफेद पट्टी के केन्‍द्र में गहरा नीला चक्र है जो सारनाथ में अशोक चक्र को दर्शाता है।
राष्‍ट्रीय दिवस 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)
15 अगस्‍त (स्‍वतंत्रता दिवस)
2 अक्‍तूबर (गांधी जयंती, महात्‍मा गांधी का जन्‍म दिवस)

अर्थव्‍यवस्‍था

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सूचना
ब्यौरे विवरण
अर्थव्‍यवस्‍था सिंहावलोकन स्‍वतंत्रता की प्राप्ति के बाद आधी शताब्‍दी में भारत ने सभी बाधाओं को पार करते हुए आर्थिक स्थिरता का स्‍पष्‍ट स्‍तर, विभिन्‍न क्षेत्रों का शिष्‍टाचार, अदम्‍य सहयोग जैसाकि कृषि, पर्याटन, वाणिज्‍य, विद्युत, संचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि। जिन्‍होंने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के सतंभ के रूप में कार्य किया है। आज भारत विश्‍व की छह सबसे तेजी से विकसित अर्थव्‍यवस्‍था में से एक हैं। वर्ष 2001 में शाक्ति समकक्षता खरीदने (पीपीपी) की तर्ज पर भारत का चौथा स्थान है। व्‍यवसाय और विनियामक वातावरण विकसित हो राह है और स्‍थायी सुधार की ओर आगे बढ़ रहा है।
सकल घरेलू उत्‍पाद वर्ष 2005-06 की द्वितीय तिमाही में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई।
सकल घरेलू उत्‍पाद खरीद शक्ति समकक्षता भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है, खरीद शक्ति समकक्षता की तर्ज पर इसका जीडीपी 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। यह यूएसए, चीन और जापान के बाद आता है।
जीडीपी प्रति व्‍यक्ति सितम्‍बर, 2005 की स्थिति के अनुसार देश का प्रतिव्‍यक्ति सकल घरेलू उत्‍पाद 543 अमेरिकी डॉलर था।
जीडीपी क्षेत्रकों द्वारा निर्माण सेवाएं 56 प्रतिशत कृषि 22 प्रतिशत और उद्योग 22 प्रतिशत (सितम्‍बर, 2005 की स्थिति के अनुसार
श्रमिक बल इंडिया विजन : 2020 पर समिति की रिपोर्ट के अनुसार भारत का श्रमिक बल 2002 में 375 मिलियन से अधिक पहुंच गई है।
बेरोजगारी की दर 9.1% (सितम्‍बर 2005 के अनुसार)
गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्‍या 1999-2000 को 26.10%
मुद्रास्‍फीति की दर जुलाई 2005 को 4.1%
सार्वजनिक ऋण 31st मार्च 2002 को कुल ऋण 72117.58 करोड़ रू है
विनियम दर विनिमय दरों के लिए प्रति दिन भारतीय रिजर्व बैंक  की वेबसाइट देखें
कृषि उत्‍पाद चावल, गेहूं, चाय, कपास, गन्‍ना, आलू, जूट, तिलहन, पोल्‍ट्री आदि
उद्योग इस्‍पात, वस्‍त्र, पेट्रोलियम, सीमेंट, मशीनरी, लोकोमोटिव, खाद्य प्रसंस्‍करण, भैषजिक उत्‍पाद, खनन आदि
मुद्रा (कोड) भारतीय रूपए (आईएनआर)
वित्‍तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च


कई महत्वपूर्ण और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी और कृष्णा भारत से होकर बहती हैं। इन नदियों के कारण उत्तर भारत की भूमि कृषि के लिए उपजाऊ है।
भारत की सांस्कृतिक धरोहर बहुत संपन्न है। यहां की संस्कृति अनोखी है,आधुनिक भारत का समाज,भाषाएं,रीति-रिवाज इसके प्रमाण हैं। गढ़वाल-कुमाऊं की संस्कृति यहां के मेलों में समाहित है। रंगीले कुमाऊं के मेलों में ही यहां का सांस्कृतिक स्वरुप निखरता है। धर्म,संस्कृति और कला के व्यापक सामंजस्य के कारण इस जगह में मनाये जाने वाले उत्सवों का स्वरुप बेहद कलात्मक होता है। गढ़वाल में बैकुंठ चतुर्दशी का मेला हर साल लगता है। विभिन्न त्योहारों की तरह बैकुंठ चतुर्दशी साल भर में पडने वाला हिन्दू समाज का महत्वपूर्ण त्योहार है। गढवाल में स्थित श्रीनगर का कमलेश्वर मन्दिर पौराणिक मन्दिरों में से है। इसकी धार्मिक महत्ता है कि यह स्थान देवताओं की नगरी भी रही है।

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