यह भी सत्य है कि:
आत्महत्या अक्सर एक अस्थायी समस्या का स्थायी समाधान होता है।
जब हम अवसादग्रस्त होते हैं, तो हम चीजों को वर्तमान क्षण के संकुचित परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। एक सप्ताह अथवा एक माह के बाद यही चीजें भिन्न रूप में दिखाई दे सकती हैं।
ऐसे अधिकतर लोग जिस समय आत्महत्या करने की सोचते हैं, उसके कुछ समय बाद जीवित रहने की इच्छा रखते हैं। उनका कहना होता है कि वे मरना नहीं चाहते - वे केवल अपनी पीड़ा को मारना चाहते हैं।
सबसे महत्त्वपूर्ण उपाय यह है कि किसी व्यक्ति से बात की जाए। जिन लोगों के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं, उन्हें अकेले ही स्थिति का सामना करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्हें अभी सहायता प्राप्त करनी चाहिए।
परिवार अथवा मित्रों से बात कीजिए। अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र अथवा किसी सहयोगी से बात भर कर लेने से आपको बहुत राहत मिल सकती है।
'बीफ्रेंडर‘ से बात कीजिए। कुछ व्यक्ति परिवार के सदस्यों अथवा मित्रों से बात नहीं सकते हैं। कुछ व्यक्तियों के लिए अजनबियों से बात करना अधिक आसान होता है। विश्व भर में 'बिफ्रेंडिंग सेंटर‘ हैं और इसके स्वयंसेवकों को लोगों की इस प्रकार की समस्याओं को सुनने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यदि फोन करना कठिन है तो व्यक्ति ई-मेल भेज सकता है।
डॉक्टर से बात कीजिए। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से हीन भावना से ग्रस्त है अथवा आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह एक मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। रासायनिक असंतुलन के कारण इस प्रकार की चिकित्सकीय परिस्थिति उत्पन्न होती है और दवाइयों और अथवा चिकित्सा पद्धति के माध्यम से डॉक्टरों द्वारा सामान्यतः इसका उपचार किया जा सकता है।
आत्महत्या अक्सर एक अस्थायी समस्या का स्थायी समाधान होता है।
जब हम अवसादग्रस्त होते हैं, तो हम चीजों को वर्तमान क्षण के संकुचित परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। एक सप्ताह अथवा एक माह के बाद यही चीजें भिन्न रूप में दिखाई दे सकती हैं।
ऐसे अधिकतर लोग जिस समय आत्महत्या करने की सोचते हैं, उसके कुछ समय बाद जीवित रहने की इच्छा रखते हैं। उनका कहना होता है कि वे मरना नहीं चाहते - वे केवल अपनी पीड़ा को मारना चाहते हैं।
सबसे महत्त्वपूर्ण उपाय यह है कि किसी व्यक्ति से बात की जाए। जिन लोगों के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं, उन्हें अकेले ही स्थिति का सामना करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्हें अभी सहायता प्राप्त करनी चाहिए।
परिवार अथवा मित्रों से बात कीजिए। अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र अथवा किसी सहयोगी से बात भर कर लेने से आपको बहुत राहत मिल सकती है।
'बीफ्रेंडर‘ से बात कीजिए। कुछ व्यक्ति परिवार के सदस्यों अथवा मित्रों से बात नहीं सकते हैं। कुछ व्यक्तियों के लिए अजनबियों से बात करना अधिक आसान होता है। विश्व भर में 'बिफ्रेंडिंग सेंटर‘ हैं और इसके स्वयंसेवकों को लोगों की इस प्रकार की समस्याओं को सुनने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यदि फोन करना कठिन है तो व्यक्ति ई-मेल भेज सकता है।
डॉक्टर से बात कीजिए। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से हीन भावना से ग्रस्त है अथवा आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह एक मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। रासायनिक असंतुलन के कारण इस प्रकार की चिकित्सकीय परिस्थिति उत्पन्न होती है और दवाइयों और अथवा चिकित्सा पद्धति के माध्यम से डॉक्टरों द्वारा सामान्यतः इसका उपचार किया जा सकता है।
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