एक ऐसा सच जिस के बारे मे आप को अभी तक पता भी नही है?
एक घटना का उल्लेख करते हैं जो अभी तक जनता के सामने नहीं आई, मोरारजी देसाई उच्च कोटी के गांधी वादी थे ।
जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्हें भारत कि गुप्तचर एजेंसी ‘रो’ कि फाइलों से पता चला कि कि पाकिस्तान में परमाणु बम बनाने कि जो तैयारियां चल रही हैं उसे विफल करने के लिए, और इस हेतु पाकिस्तान के कोहाट प्रांत में बन रहे कारखाने को ध्वस्त करने के ल...िए एक पूर्व प्रधानमंत्री कि स्वीकृति से भारत के गुप्तचर पाकिस्तान में सक्रिय हैं उन्होने इस कार्य में कुछ पाक नागरिकों का सहयोग भी प्राप्त कर लिया ।
रो के पूर्व निदेशक श्री मलिक ने अपने लेख मे बताया कि मात्र दस हजार डॉलर में इस योजना का पूरा मानचित्र कोई वैज्ञानिक बेचने के लिए तैयार था किन्तु गांधी वादी प्रधानमंत्री देसाई को रो के इस कृत्य पर क्रोध आ गया, दस हजार डालर तो क्या देने थे, उन्होने गांधीजी से भी बढ़कर कार्य किया और मोरारजी ने रो कि पूरी योजना से ही पाकिस्तान के कमिश्नर को अवगत करा दिया और उन्होने यह प्रचारित करवाया था कि अगर पाकिस्तान ने परमाणु बम बनाया तो जवाब दिया जाएगा ।
पाकिस्तान ने तुरंत भारत के इन सभी साहसी गुप्तचरों को गोली से उड़ा दिया ।
पाकिस्तान ने मोरारजी देसाई का कितना आभार प्रकट किया इसका पता इसी से पता चलता है कि पाकिस्तान कि सर्वोत्तम सेवा करने के उपलक्ष्य में मोरारजी भाई को गुपचुप रुप से पाकिस्तान का सर्वश्रेष्ठ निशाने पाकिस्तान से बख्शा गया ।
किसी को शत्रु के हाथो अगर पुरस्कार मिले तो उसमे अधिक विचार करने की
आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गद्दारी इसी का नाम है
एक घटना का उल्लेख करते हैं जो अभी तक जनता के सामने नहीं आई, मोरारजी देसाई उच्च कोटी के गांधी वादी थे ।
जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्हें भारत कि गुप्तचर एजेंसी ‘रो’ कि फाइलों से पता चला कि कि पाकिस्तान में परमाणु बम बनाने कि जो तैयारियां चल रही हैं उसे विफल करने के लिए, और इस हेतु पाकिस्तान के कोहाट प्रांत में बन रहे कारखाने को ध्वस्त करने के ल...िए एक पूर्व प्रधानमंत्री कि स्वीकृति से भारत के गुप्तचर पाकिस्तान में सक्रिय हैं उन्होने इस कार्य में कुछ पाक नागरिकों का सहयोग भी प्राप्त कर लिया ।
रो के पूर्व निदेशक श्री मलिक ने अपने लेख मे बताया कि मात्र दस हजार डॉलर में इस योजना का पूरा मानचित्र कोई वैज्ञानिक बेचने के लिए तैयार था किन्तु गांधी वादी प्रधानमंत्री देसाई को रो के इस कृत्य पर क्रोध आ गया, दस हजार डालर तो क्या देने थे, उन्होने गांधीजी से भी बढ़कर कार्य किया और मोरारजी ने रो कि पूरी योजना से ही पाकिस्तान के कमिश्नर को अवगत करा दिया और उन्होने यह प्रचारित करवाया था कि अगर पाकिस्तान ने परमाणु बम बनाया तो जवाब दिया जाएगा ।
पाकिस्तान ने तुरंत भारत के इन सभी साहसी गुप्तचरों को गोली से उड़ा दिया ।
पाकिस्तान ने मोरारजी देसाई का कितना आभार प्रकट किया इसका पता इसी से पता चलता है कि पाकिस्तान कि सर्वोत्तम सेवा करने के उपलक्ष्य में मोरारजी भाई को गुपचुप रुप से पाकिस्तान का सर्वश्रेष्ठ निशाने पाकिस्तान से बख्शा गया ।
किसी को शत्रु के हाथो अगर पुरस्कार मिले तो उसमे अधिक विचार करने की
आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गद्दारी इसी का नाम है
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